Thursday, 9 February 2017

उत्तर प्रदेश चुनाव : दलित बनाम स्वर्ण



भारतीय राजनीती में वाक्य ये रहा है की दिल्ली की सत्ता लखनऊ से चलती से वो इस कारण रहा है क्योके अभी के समय पर उत्तर प्रदेश सबसे बड़ा राज्य उभर कर आ रहा है। कल पहले चरण के मतदान के साथ ही उत्तर प्रदेश की जुबानी जंग भी खतम्म होने वाली है। उत्तर प्रदेश को मुख्यतः दो भागो में बनता जाता है 1.पुर्वी 2.पश्चिमी

पूर्वी उत्तर प्रदेश में कुछ क्षेत्रो के अन्यत्र कही पर भी भाजपा का जितना असम्भव सा ही होता है परतु इस बार के लोकसभा चुनावो से ये बात साफ़ हो गई थी की जनता गुंडाराज से तंग आकर कुछ बदलाव लेन की इच्छा में है। पहले के दिनों में उत्तर प्रदेश में मायावती दलितों से हितो में बात करने वाली मंजी जाती थी परंतु अपने एक ही शाशन काल में जो उन्होंने सरकारी खजाने का माह प्रयोग किया था उसके बाद वो अपनी आरक्षित सीट पर भी नहीं जीत पाई। स्वयं को दलित कहने वाली मायावती का जन्म एक दलित पारिवर में हुआ था और राजनीती में आने के बाद उन्होंने "बोद्ध" धर्म अपना लिया लेकिन वो अभी भी स्वयं ही कहती है!!!

ये आश्चर्य की बात है की जो महिला स्वयं दलित जाती में नहीं रही वो दलितों की मसीहां बन कर उनके साथ किस प्रकार छल कर रही है।यद्यपि किसी के हिट की बात करना गलत नहीं है परंतु केवल दलितों के हिट की बात करना और उनके हितो की बात कर स्वर्णो पर अत्याचार करना भी सही नहीं है। आज के समय पर "टीना डाबी " जैस दलित को केवल इस कारण अच्छी नोकरी मिल जाती है की वो दलित है और "अंकित गर्ग" जैसे व्यक्ति व्यक्ति को केवल इस लिए नहीं मिलती क्योकि वो स्वर्ण है।
बुंदेलखंड जैस क्षेत्र जहा पर पानी और विद्युत् की अत्यधिक समस्या है वहां पर यदि प्रधानमंत्री जल प्रबंधन करते है तो राज्य सरकार द्वरा ये कह कर रोक दिया जाता है की दलितों की वोट लेने के लिए ऐसा किया जा रहा है।

"अमेरिका" के संविधान के निर्माण के समय जब वह के सांसदों ने नीग्रो लोगो केलिए आरक्षण की मांग की तो उसे यह कह कर ठुकरा दिया गया की "यदि आज हम इन्हें आरक्षण देते है तो कल को ये कुछ नहीं करेंगे अपने आरक्षण पर जियेंगे और देश पर बोझ बनेंगे इस लिए इन्हें आरक्षण की जगह समानता का अधिकार दिया जाये"
यदि भीमराव आंबेडकर जी ने सारी दुनिया के संविधानो से सही नियमो को चुन कर हमारे संविधान का निर्माण किया था तो उनसे अमेरिका कैसे छूट गया ?
क्या वो सारी दुनिया सैर सपाटे के लिए गए थे या काम के लिए गए थे ?

2 . पश्चिमी उत्तर प्रदेश कुछ क्षेत्रो को छोड़ कर भाजपा का गढ़ रहा है। इसका मुख्य कारण ये भी है की यहाँ पर अधिकतर समाज स्वर्ण जाती है।
इसी कारण से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में दिल्ली से लगे क्षेत्रो को के अन्यत्र किसी भी क्षेत्र का विकास नहीं हुआ है। किसानों को सिंचाई के लिए वर्षा पर निर्भर रहना पड़ता है विद्युत् के लिए आकाशीय विद्युत् पर फसल ख़राब होने पर किसी भी प्रकार की सहूलियत प्राप्त होने तक आत्महत्या के कई विफल प्रयास किए जा चुके होते है। किसान के लिए अपने परिवार को छोडकर मरना भी सरल नहीं होता और कर्ज उसे जीने नहीं देता।
मुलायम सिंह यादव ने पहलवानी में तो काफी डाव दिखाए है परंतु राजनीती में केवल रंग दिखाए है सभी प्रकार की सेवाएं केवल यादवो और मुस्लिमो केलिए देने वाले ये नेता आज उस दल को मिलकर हराने में जुटे है वो 16 वर्षो से उत्तरप्रदेश की राजनीती से विलुप्त है।
नतीजे निकट ही है देखना ये है की ऊँट किस करवट लेटता है।

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