आज हमारा देश भारत और पूरा विश्व एक भयंकर वायरस की चपेट में आ चुका है जिसको हम सभी CORONA (कोरोना) या COVID- 19 के नाम से जान चुके हैं। विश्व स्वस्थ्य संगठन ने इसे महामारी घोषित कर दिया है तथा भारत सरकार ने भी इसे महामारी के रूप में पूरे देश को जागरूक कर दिया है।
इस वायरस के अत्यधिक अत्यधिक नए होने के कारन से इसे NOVEL CORONA के नाम से भी जाना जा रहा है।
जिस प्रकार से शरीर में कोई भी रोग होने के कारण से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता उस से लड़ने के लिए अपने तंत्र को तैयार कर उस से लड़ती है और यदि वह रोग हमें जीवन में पहले कभी हुआ होता है तब हमारा शरीर अपनी याद के अनुसार उस से पुराने तरीके से लड़ लेता है और शरीर को रोग मुक्त कर देता है परन्तु CORONA शरीर के तंत्र के लिए इतना नाया है की हमारे शरीर को इसके विषय में कुछ भी नहीं पता और वह एक अंदाजन इस से लड़ने का प्रयास करता है , इसके लक्षण जैसे की सुखी खासी ,गले में दर्द ,साँस लेने में परेशानी ,उलटी-दस्त तेज बुखार इत्यादि।
ये सभी लक्षण कोरोना के है जिस से हमारा शरीर लड़ रहा है।
यह रोग एक से दूसरे व्यक्ति में हमारी लार के द्वारा फैलता है जिसे की यदि हम छींकने या खांसने के बाद यदि किसी वास्तु को छूते है तो यह जीवाणु उस वास्तु में रह जाता यदि कोई और व्यक्ति भी इस वास्तु को स्पर्श करता है तो यह जीवाणु उसके शरीर में चले जायेंगे और ऐसे ही एक के बाद दुसरे में चलते जाते हैं।
शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता किसी भी जीवाणु को मारने या फिर शरीर से बहार करने के लिए अलग अलग प्रकार के रक्षा तंत्रो के प्रकार का प्रयोग करती है जैसे की एक प्रकार के जीवाणु को समाप्त करने के लिए हमारा तंत्र हरे शरीर को गरम करना शुरू कर देता है जिस से की हमें तेज बुखार हो जाता है और यदि वह तब भी नहीं समाप्त होता तो शरीर स्वयं को गरम करते ही जाता है जिस से अधिक तापमान से शरीर में असंतुलन पैदा हो कर व्यक्ति की मृत्यु हो सकती है।
CORONA 10 वर्ष से कम और 65 वर्ष से अधिक आयु के लोगो के लिए अत्यंत ही घातक है इसमें उनके जीवन को खतरा हो सकता है तो इस से बचाव के लिए सुझाव निम्न है
1 . बाहर ना घूमे और घर में ही रहे।
2 . संक्रमित व्यक्ति से 1 मीटर की न्यूनतम दुरी बनाये रखें।
3. जूठा खाने या पिने से बचें।
4. सार्वजानिक जगहों पर मास्क पहन कर जाये हाथो को धोते रहे और स्वयं को साफ़ सुथरा बनाये रखें।
5. बुखार होने पर परिवार के अन्य लोगो से दुरी बनाये रखें।
6. योग एवं व्यायाम अवश्य करें।
7. संतुलित आहार ले तथा गरम पानी का अधिक प्रयोग करें।
8 . भोजन में फलो का भाग बढ़ा दें मांसाहार का प्रयोग बंद कर दें।
9. खट्टे फलो का प्रयोग अधिक करे जैसे की नीबू,संतरा,मौसमी इत्यादि।
10. बीमार होने की अवस्था में शांत रहे और निकट के स्वास्थ्य संसथान से संपर्क करे और जब तक संपर्क स्थापित न हो तब तक घर में ही एकांतवास में रहे।
इस वायरस के अत्यधिक अत्यधिक नए होने के कारन से इसे NOVEL CORONA के नाम से भी जाना जा रहा है।
कोरोना होने के लक्षण :
जिस प्रकार से शरीर में कोई भी रोग होने के कारण से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता उस से लड़ने के लिए अपने तंत्र को तैयार कर उस से लड़ती है और यदि वह रोग हमें जीवन में पहले कभी हुआ होता है तब हमारा शरीर अपनी याद के अनुसार उस से पुराने तरीके से लड़ लेता है और शरीर को रोग मुक्त कर देता है परन्तु CORONA शरीर के तंत्र के लिए इतना नाया है की हमारे शरीर को इसके विषय में कुछ भी नहीं पता और वह एक अंदाजन इस से लड़ने का प्रयास करता है , इसके लक्षण जैसे की सुखी खासी ,गले में दर्द ,साँस लेने में परेशानी ,उलटी-दस्त तेज बुखार इत्यादि।
ये सभी लक्षण कोरोना के है जिस से हमारा शरीर लड़ रहा है।
यह रोग एक से दूसरे व्यक्ति में हमारी लार के द्वारा फैलता है जिसे की यदि हम छींकने या खांसने के बाद यदि किसी वास्तु को छूते है तो यह जीवाणु उस वास्तु में रह जाता यदि कोई और व्यक्ति भी इस वास्तु को स्पर्श करता है तो यह जीवाणु उसके शरीर में चले जायेंगे और ऐसे ही एक के बाद दुसरे में चलते जाते हैं।
शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता किसी भी जीवाणु को मारने या फिर शरीर से बहार करने के लिए अलग अलग प्रकार के रक्षा तंत्रो के प्रकार का प्रयोग करती है जैसे की एक प्रकार के जीवाणु को समाप्त करने के लिए हमारा तंत्र हरे शरीर को गरम करना शुरू कर देता है जिस से की हमें तेज बुखार हो जाता है और यदि वह तब भी नहीं समाप्त होता तो शरीर स्वयं को गरम करते ही जाता है जिस से अधिक तापमान से शरीर में असंतुलन पैदा हो कर व्यक्ति की मृत्यु हो सकती है।
बचाव तथा दवाइया :
अभी तक इस रोग से बचाव के लिए कोई भी दवा विकसित नहीं हो पाई है केवल और केवल बचाव के तरीको के विषय में ही अभी तक सुझाव है।CORONA 10 वर्ष से कम और 65 वर्ष से अधिक आयु के लोगो के लिए अत्यंत ही घातक है इसमें उनके जीवन को खतरा हो सकता है तो इस से बचाव के लिए सुझाव निम्न है
1 . बाहर ना घूमे और घर में ही रहे।
2 . संक्रमित व्यक्ति से 1 मीटर की न्यूनतम दुरी बनाये रखें।
3. जूठा खाने या पिने से बचें।
4. सार्वजानिक जगहों पर मास्क पहन कर जाये हाथो को धोते रहे और स्वयं को साफ़ सुथरा बनाये रखें।
5. बुखार होने पर परिवार के अन्य लोगो से दुरी बनाये रखें।
6. योग एवं व्यायाम अवश्य करें।
7. संतुलित आहार ले तथा गरम पानी का अधिक प्रयोग करें।
8 . भोजन में फलो का भाग बढ़ा दें मांसाहार का प्रयोग बंद कर दें।
9. खट्टे फलो का प्रयोग अधिक करे जैसे की नीबू,संतरा,मौसमी इत्यादि।
10. बीमार होने की अवस्था में शांत रहे और निकट के स्वास्थ्य संसथान से संपर्क करे और जब तक संपर्क स्थापित न हो तब तक घर में ही एकांतवास में रहे।