जैसा की सभी पौराणिक कथाओ के अनुसार कहा गया है की श्री कृष्णा का जन्म आज के दिन रात्रि १२ बजे हुआ था लेकिन सभी लोगो को ये नहीं पता पता है की श्री कृष्ण की मृत्यु का क्या कारन था ?
आज के इस पोस्ट में कुछ इसी प्रकार का वर्णन है कृपया कही कोई त्रुटि हो जाये तो क्षमा करें।
बात श्री राम के समय की है जब श्री रामजी वानर राज सुग्रीव के साथ मिलकर बाली को मारने जाते है उस समय पर सुग्रीव,श्री राम को बाली के पास होने वाली शक्तियों से भी परिचित करा देता है।
श्री राम को जब इस बात का पता चला की बाली के पास ऐसी शक्ति है जिस से उस से लड़ने वाले की आधी शक्ति बाली के अंदर आ जाती है तो श्री राम ने बाली को प्रत्यक्ष रूप की जगह परोक्ष रूप से मुक्ति प्रदान करना उचित समझा जिस समय बाली और सुग्रीव का युद्ध हो रहा था उस समय पर श्री राम ने एक पेड़ की ओट में छिपकर बाली पर तीर चलाया और बाली को मुक्ति के निकट पहुचाया बाली ने प्रभु को देखते ही प्रणाम किया और कहा की प्रभु आप तो मर्यादा पुरुषोत्तम हो आपने इस प्रकार छिपकर मेरा वध क्यों किया ?
प्रभु ने जवाब दिया की जो व्यक्ति अपने छोटे भाई की पत्नी और राज्य का हनन करता है उसके लिए यही मर्यादा है।
तब सुग्रीव ने पूछा की प्रभु ये सभी नियम किसने बनाये है और किसके लिए बनाये है ?
श्री राम ने जवाब देते हुए कहा की ये सभी नियम महर्षि मनु ने समस्त मानव जाती के लिए बनाये हैं।
उस समय बाली ने कहा की प्रभु ये बात आपकी सत्य है परंतु ये नियम वानरों के लिए नहीं है और में मानव नहीं वानर हु।
तब रामजी ने कहा की ये सही है इसके लिए अगले जन्म में में पूर्ण रूप में होऊंगा और तुम मानव रूप में और उस समय तुम मेरी मृत्यु का कारन बनोगे। यथावत अगले जन्म में श्री कृष्णा की मृत्यु का कारण एक मानव बनता है जो की श्री कृष्णा के समक्ष कुछ नहीं था।
आज के इस पोस्ट में कुछ इसी प्रकार का वर्णन है कृपया कही कोई त्रुटि हो जाये तो क्षमा करें।
बात श्री राम के समय की है जब श्री रामजी वानर राज सुग्रीव के साथ मिलकर बाली को मारने जाते है उस समय पर सुग्रीव,श्री राम को बाली के पास होने वाली शक्तियों से भी परिचित करा देता है।
श्री राम को जब इस बात का पता चला की बाली के पास ऐसी शक्ति है जिस से उस से लड़ने वाले की आधी शक्ति बाली के अंदर आ जाती है तो श्री राम ने बाली को प्रत्यक्ष रूप की जगह परोक्ष रूप से मुक्ति प्रदान करना उचित समझा जिस समय बाली और सुग्रीव का युद्ध हो रहा था उस समय पर श्री राम ने एक पेड़ की ओट में छिपकर बाली पर तीर चलाया और बाली को मुक्ति के निकट पहुचाया बाली ने प्रभु को देखते ही प्रणाम किया और कहा की प्रभु आप तो मर्यादा पुरुषोत्तम हो आपने इस प्रकार छिपकर मेरा वध क्यों किया ?
प्रभु ने जवाब दिया की जो व्यक्ति अपने छोटे भाई की पत्नी और राज्य का हनन करता है उसके लिए यही मर्यादा है।
तब सुग्रीव ने पूछा की प्रभु ये सभी नियम किसने बनाये है और किसके लिए बनाये है ?
श्री राम ने जवाब देते हुए कहा की ये सभी नियम महर्षि मनु ने समस्त मानव जाती के लिए बनाये हैं।
उस समय बाली ने कहा की प्रभु ये बात आपकी सत्य है परंतु ये नियम वानरों के लिए नहीं है और में मानव नहीं वानर हु।
तब रामजी ने कहा की ये सही है इसके लिए अगले जन्म में में पूर्ण रूप में होऊंगा और तुम मानव रूप में और उस समय तुम मेरी मृत्यु का कारन बनोगे। यथावत अगले जन्म में श्री कृष्णा की मृत्यु का कारण एक मानव बनता है जो की श्री कृष्णा के समक्ष कुछ नहीं था।