Monday, 12 September 2016

सदभावना

भारतीय संविधान के अनुसार सभी व्यक्तियों को उनके अनुसार जीवन यापन करने का अधिकार है।
परंतु कभी कभार यही भारतीय संविधान अपने ही कुछ लोगो के साथ भेदभाव की भावना रखता है जैसे की भारत में हिन्दू पर्वो पर एक आधिकारिक सुचना जारी की जाती है की होली पर पानी की बर्बादी न करे और दीवाली तथा दशहरे पर पटाखे न फोड़े छठ पूजा पर नदी में गन्दगी न करे इत्यादि।कुछ प्रदेशो में तो हवन इत्यादि पर भी रोक है जैसे की कर्णाटक और बंगाल ये भारत के ऐसे राज्य है जिनमे हिन्दुओ की आवाज को कुत्तो और बिल्लियों की आवाज समझा जाता है इसके बाद है भारत के पूर्वी हिस्से जिन्हें भारत के नादर समझा ही नहीं जा रहा था।  केवल कुछ ही वर्षो में भारत के पूर्वी राज्यो को ईसाई राज्य बना दिया गया था वो भी केवल इस लिए की वहां पर सरकार कुछ करती नहीं थी और वह पर कोई सुनवाई नहीं थी। 
भारत के अंदर सरकार की नाक के निचे धर्मान्तरण करने वाले केवल और केवल ईसाई है। ऐसा नहीं है की सभी ईसाई बुरे है या कुछ ऐसा ही दक्षिण भारत में शुद्रो को ये प्रलोभन देकर की आप ऊँची जात के बन जाओगे उनका धर्मान्तरण किया जा रहा है। पूर्वी भारत में बीमारो को दवा के नाम पर ईसाई बनाया जा रहा है। बंगाल में डंके की चोट पर हिन्दू बहन बेटी का बलात्कार कर मुस्लिमो को हवा दी जा रही है उत्तर प्रदेश में समाजवादी नेताओ ने मुस्लिमो को 42 प्रतिशत बता कर हिन्दुओ का मनोबल तोड़ने का प्रयास जारी है। 
सभी को याद होगा की किस प्रकार से 2014 में प्रधानमंत्री जी के टुकड़े टुकड़े करने की धमकी दी जा रही थी और वही रुड़की में कांवड़ के समय पर मुस्लिमो द्वारा एक बड़ा पंडाल लगा कर कांवड़ियों की सेवा की जा रही थी। 
देश में दंगा करने की साजिश कुछ शक्तिशाली लोगो ने की है लेकिन सभी लोग प्रत्यक्ष रूप से  बुरे नहीं है। 
मेरठ के बड़े भाजपा नेता संगीत सोम और गोरखपुर के योगी आदित्यनाथ के नाम पर कुछ लोगो ने हिंसा करनी चाही परंतु ऐसा हो सका। जो नेता स्वाम को गरीबो और मुस्लिमो का संरक्षक कहता था वो रोहित वेमुला और उन्ही जैसे लोगो के मरने पर गायब था और राज्यसभा में भाजपा को कोसने के परोक्ष कोई काम नहीं है उसका जब किसानों ने आत्महत्या की उस समय पर वह देखने भी नहीं आया और एक मुस्लिम व्यक्ति के मरते ही हैदराबाद के सरे कामो को  स्थगित नमाज अदा  करने आ गया। 
सार ये है की अच्छा वही है जो सभी को एक नजर से देखे।

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