Saturday, 17 September 2016

अकबर महान ?



सभी भारतीय पुस्तको के अनुसार भारत में केवल 2 ही ऐसे व्यक्ति है जिन्हें महान कहा जाता है।
१. सम्राट अशोक
यदि इनको महान नहीं कहा गया तो लोगो को पता किस प्रकार चलेगा की महान किसे कहते है ?
और इनके इतिहास के साथ भली भांति बदलाव किया गया है जैसे की सभी को पता है की अशोक ने अंत समय में बोद्ध धर्म को स्वीकार कर लिया था लेकिन परंतु इस बात की सत्यता कितनी है इसके विषय में कुछ कह पाना कठिन है कुछ इतिहासकारो ने इस बात को केवल मुगलो की मनघडंत कथा बताया है।
सम्पूर्ण भारत में ऐसा कोई राजा नहीं हुआ जो अशोक से युद्ध में जीता हो क्या भारत जैसी वीरभूमि में ऐसा संभव था ?
अशोक ने इतनी बड़ी सेना बनाई जो किसी भी राजा के पास नहीं थी इतनी बड़ी सेना रखना और उनका भरणपोषण करना सरल कार्य नहीं होता या तो अशोक के पास सेना नहीं थी या फिर अशोक अपनी प्रजा से अत्यधिक कर वसूलता था जिस से राज्य भली भांति चलाया जा सके इतिहासकारो ने कही पर तो गलती की है।
हिन्दू परंपरा में ४ आश्रम होते है ब्रह्मचर्य, गृहस्थ, वानप्रस्थ और संन्यास।
ब्रह्मचर्य और गृहस्थ आश्रम में रहकर धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की शिक्षा लेते हुए व्यक्ति को 50 वर्ष की उम्र के बाद वानप्रस्थ आश्रम में रहकर धर्म और ध्यान का कार्य करते हुए मोक्ष की अभिलाषा रखना चाहिए अर्थात उसे मुमुक्ष हो जाना चाहिए। ऐसा वैदज्ञ कहते हैं।
क्या ये नहीं कहा जा सकता की अशोक ने वामप्रस्थ आश्रम को स्वीकार कर लिया था ?
इतिहासकारो के लिए ये एक विषय है कृपया चर्चा करें।
दूसरे महान है अकबर
अकबर के विषय में कहा जाता है की वो एक सुन्दर सुडौल शरीर का मालिक था तथा उसके बल के विषय में तो और भी अच्छे किस्से प्रचलित है। कई इतिहासकार अकबर को सबसे सुन्दर आदमी घोषित करते हैं. विन्सेंट स्मिथ इस सुंदरता का वर्णन यूँ करते हैं-
“अकबर एक औसत दर्जे की लम्बाई का था. उसके बाएं पैर में लंगड़ापन था. उसका सिर अपने दायें कंधे की तरफ झुका रहता था. उसकी नाक छोटी थी जिसकी हड्डी बाहर को निकली हुई थी. उसके नाक के नथुने ऐसे दीखते थे जैसे वो गुस्से में हो. आधे मटर के दाने के बराबर एक मस्सा उसके होंठ और नथुनों को मिलाता था. वह गहरे रंग का था”
अकबर ने सभी को समानता का अधिकार दिया वो चाहे कोई भी हो लेकिन ये बात भी धयान देने योग्य है की अकबर एक अंगूठा छाप व्यक्ति था और उसकी जीवनी उसी के एक सेवक ने लिखी थी जो की आज के आधुनिक समय पर हम कीटो को पढाई जा रही है।आज के समय में अकबर जैसे बलात्कारी और व्यभिचारी का महिमामंडन हृतिक रोशन जैसे कलाकारों से कराया जा रहा है और उसी के साथ शिवाजी जैसे राष्ट्रभक्त को अपमानित करने में कोई भी त्रुटि नहीं दिखाई जा रही।अकबर की एक जीवनी उसके बेटे ने भी लिखी थी जो की इलाहबाद के पुस्तकालय में उपलब्ध है परंतु उसे कोई पढ़ने में रूचि नहीं रखता सत्य को छिपा कर रखा गया है और असत्य का बोलबाला है।
अब समझने का विषय ये है की कोई भी सेवक अपने स्वामी की बुराई किस प्रकार से लिख सकता है ?


No comments:

Post a Comment